by कविता बहार | Nov 6, 2024 | दोहा
प्रकृति पर दोहे/रेखराम साहूप्रकृतिजन्य जीवन सभी,रहे नित्य यह ज्ञान।घातक जो इनके लिए, त्याज्य सभी विज्ञान।।प्रकृति बिना जीवन नहीं,प्रकृति प्राण आधार।जीवन और प्रकृति बिना,धन-पद सब निस्सार।।जीवन पोषक हों सभी, धर्म-कर्म के कोष।धर्म-कर्म परखे बिना, दुर्लभ है संतोष।।देश-काल... by कविता बहार | Nov 6, 2024 | हिंदी कविता
कवि / कविता पर कविता/ राजकुमार ‘मसखरेआज़कल कवि होते नही हैंवे सीधे ही कवि बन जाते हैं,कुछ लिखने व मंथन से पहलेकोई नकली ‘नाम’ जमाते हैं !यही कोई ‘उपनाम’ लिख करफिर नाम मे ‘कवि’ लगाते हैं,दो,चार रचना क्या लिख... by कविता बहार | Nov 6, 2024 | हिंदी कविता
जब भी दीप जलाना साथीजब भी दीप जलाना साथी,उर के तमस मिटाना साथी।1।भेद-भाव सब भूल प्यार से,सबको गले लगाना साथी।2।दो दिन का यह मेला जीवन,हॅसना साथ हॅसाना साथी।3।महल-दुमहले और झोपड़ी,सबको खूब सजाना साथी।4।घर-आंगन खलिहान हमारे,दीप-ज्योति बिखराना साथी।5।वीर-शहीदों की... by कविता बहार | Nov 6, 2024 | हिंदी कविता
दीपावली मुबारक सबको बारम्बार मुबारक।दीपावली त्यौहार मुबारक।।🪔मेरे राम पधारे जब अयोध्या,उस दिन की यादगार मुबारक।🪔तिमिर भगाए जो जीवन का,खुशियों का उजियार मुबारक।🪔इक दूजे को जो करते रोशन,दीपों की वो कतार मुबारक।🪔बम्ब, पटाखे, फूल-झड़ी संग,चकरी, राकेट, अनार मुबारक।🪔कर... by कविता बहार | Nov 5, 2024 | विविध छंदबद्ध काव्य
गोवर्धन पूजा मात देवकी लाल की, लीला है अनमोल।बचपन से मोहित किए, उनकी मीठी बोल।। राधे के प्रियतम हुए , मीरा के हैं नाथ।ग्वाल बाल के बन सखा, देते भक्तों साथ।। मात पिता रक्षक बने, वासुदेव के लाल।दुष्ट कंस संहार कर, बने भक्त प्रतिपाल।।सेवक बनके गाय का, रूप धरे प्रभु...