सायली -मनीभाई’नवरत्न’

सायली -मनीभाई’नवरत्न’

hindi vividh chhand || हिन्दी विविध छंद
hindi vividh chhand || हिन्दी विविध छंद

चलचित्र
सारा आकाश
विविध रूप लिये
मैं निहारता
अपलक।
•••••••••••••••••••••••
समय
बेलगाम सा
बीत रहा बेपरवाह
छोटी होती
जिंदगी।
•••••••••••••••••••••••
मजदूर
जग निर्माता
कलयुग का विश्वकर्मा
कैसा देवता?
अभागा।
•••••••••••••••••••••••
मानव
प्रकृति रक्षक
भक्षक बन रहा
लालची बन
विडंबना।
•••••••••••••••••••••••
✒️ मनीभाई’नवरत्न’
•••••••••••••••••••••••

मनीभाई नवरत्न

यह काव्य रचना छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना ब्लाक क्षेत्र के मनीभाई नवरत्न द्वारा रचित है। अभी आप कई ब्लॉग पर लेखन कर रहे हैं। आप कविता बहार के संस्थापक और संचालक भी है । अभी आप कविता बहार पब्लिकेशन में संपादन और पृष्ठीय साजसज्जा का दायित्व भी निभा रहे हैं । हाइकु मञ्जूषा, हाइकु की सुगंध ,छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन , चारू चिन्मय चोका आदि पुस्तकों में रचना प्रकाशित हो चुकी हैं।

Leave a Reply