शादी का चक्कर-कैसे दोगे ओलंपिक में टक्कर / मनीभाई नवरत्न

शादी का चक्कर-कैसे दोगे ओलंपिक में टक्कर / मनीभाई नवरत्न

"शादी का चक्कर, कैसे दोगे ओलंपिक में टक्कर" मनीभाई नवरत्न का एक मजेदार और व्यंग्यात्मक रैप सांग है। यह गाना युवाओं और खेल प्रेमियों के बीच खासा लोकप्रिय है, और…
Bhagat_Singh

भगत सिंह तुम्हारा नाम अमर / मनीभाई नवरत्न

भगत सिंह तुम्हारा नाम अमर (Intro)देश की माटी का सपूत था वो,अंग्रेज़ों के लिए काल था।कभी डरते ना, कभी ना झुकते थे,आजादी का मिसाल था । (Chorus)भगत सिंह, भगत सिंह,…
भारत छोडो आन्दोलन

भारत छोड़ो का जयघोष (भारत छोड़ो आंदोलन पर एक कविता)

यहां भारत छोड़ो आंदोलन पर एक कविता प्रस्तुत है: भारत छोड़ो का जयघोष सुनो कहानी वीरों की, जब भारत हुआ बेखौफ,आजादी का बिगुल बजा, उठा स्वतंत्रता का शोर।नव जागरण की…
विश्व आदिवासी दिवस पर एक कविता

आदिवासी गाथा ( विश्व आदिवासी दिवस पर एक कविता )

यहां विश्व आदिवासी दिवस पर एक कविता प्रस्तुत है: https://youtu.be/KvpvMKM9kHk आदिवासी गाथा जंगलों की गोद में बसा,एक अद्भुत संसार है।संस्कृति जिसकी अनोखी,वह आदिवासी परिवार है। धरती से गहरा नाता,और पेड़ों…
किसान खेत जोतते हुए

सपनों का दाना /मनीभाई नवरत्न

सपनों का दाना /मनीभाई नवरत्न जमीन में दफन होकरपसीने से सिंचितकड़ी देखभाल मेंउगता है ,सपनों का दाना बनके। लाता है खुशियां;जगाता है उम्मीद,कर्ज चुकता करने की।पर रह नहीं पाताअपने जन्मदाता…
किसान खेत जोतते हुए

कृषक मेरा भगवान / मनीभाई नवरत्न

कृषक मेरा भगवान / मनीभाई नवरत्न मैंने अब तकजब से भगवान के बारे में सुना ।न उसे देखा,न जाना ,लेकिन क्यों मुझे लगता हैकि कहीं वो किसान तो नहीं।। उस…
shri Krishna

कृष्ण पर आधारित कविता -मनीभाई नवरत्न

कृष्ण पर आधारित कविता -मनीभाई नवरत्न https://youtu.be/ixPbgAmlRZQ हे कृष्ण !आप सर्वत्र।फिर भी खोजता हूँ;अगर कहूं आप पूर्ण हो ।तो सत्य भी हो जायेगा असत्य।चूंकि मैं अपूर्ण जो ठहरा । हे…
world-theater-day

विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर एक कविता

इस कविता के माध्यम से हम सभी विश्व रंगमंच दिवस के महत्व को समझते हैं और इस उत्सव के महत्व को मनाते हैं, जो संस्कृति, कला, और समाज को एकसाथ…
1मार्च शून्य भेदभाव दिवस पर कविता

1मार्च शून्य भेदभाव दिवस पर कविता / मनीभाई नवरत्न

1मार्च शून्य भेदभाव दिवस पर कविता / मनीभाई नवरत्न शून्य भेदभाव दिवस पर, हम एक हो जाएँ ,पूरा विश्व एकजुट, सुबह के सूरज के नीचे।करते हैं आवाज़ बुलंद और स्पष्ट…