गांँधीजी का ज्ञान

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी का वर्णन कविता “गांँधीजी का ज्ञान” के माध्यम से किया गया है।

गांँधीजी का ज्ञान

mahatma gandhi

राष्ट्रपिता महात्मा गांँधी का करूंँ मैं बखान,
अहिंसा से बना दिया हिन्दुस्तान को महान।
भारत में जन्म लिया सत्य अहिंसा का वादी,
नाम था जिनका मोहनदास करमचंद गांँधी।
देश की आजादी के लिए चढ़ा परवान,
सत्य अहिंसा है सर्वोपरि,गांँधीजी का ज्ञान।

सत्य अहिंसा का सूत्र अपने जीवन में बांँधी,
माता-पिता थे पुतलीबाई और करमचंद गांँधी।
दक्षिण अफ्रीका गए गांँधी, था धन का अभाव,
दूर किया अस्पृश्यता ,काले गोरे का दुष्प्रभाव।
अफ्रीका में होने लगा, गांँधीजी का गुणगान,
सत्य अहिंसा है सर्वोपरि, गांँधीजी का ज्ञान।

तोड़ा अंग्रेजों का असत्य तानाशाही-अभिमान,
गांँधी को बापू नाम से पुकारे भारतीय किसान।
अंग्रेजों ने भारत में अपनी मुँह की खाई,
जब लड़े गांँधी संग सरदार वल्लभभाई।
हिन्द मुस्लिम सिक्ख ईसाई सब है समान.
सत्य अहिंसा है सर्वोपरि,गांँधीजी का ज्ञान।

असहयोग आंदोलन से अंग्रेजों की कमर टूटी,
स्वराज-दांडी यात्रा से अंग्रेजों की भाग्य फूटी।
नरम और गरम दल का मिला सहयोग,
गांँधी-सुभाष के साथ चलने लगे लोग।
कम्पीत-भयभीत था अंग्रेजी-हुक्मरान
सत्य अहिंसा है सर्वोपरि,गांँधीजी का ज्ञान।

हिन्दुस्तान में था हिंदू-मुस्लिमों का बुरा हाल,
एकता को तोड़ने के लिए गोरों ने चला चाल।
भारत में उदय हुआ स्वतंत्रता का प्रभात,
15अगस्त1947को भारत हुआ आजाद।
हरिजन आदिवासियों को मिला सम्मान,
सत्य अहिंसा है सर्वोपरि,गांँधीजी का ज्ञान।

30 जनवरी 1948 को नाथूराम ने गोली मारी,
हो गए शहीद राष्ट्रपिता गांँधी रोई दुनिया सारी।
करेंगे रक्षा-सेवा मातृभूमि का हम हैं हिन्दुस्तानी,
भारत के लिए हुए शहीद कई स्वतंत्रता सेनानी।
कहता है अकिल देश का बढ़ाओ मान,
सत्य अहिंसा है सर्वोपरि,गांँधीजी का ज्ञान।

अकिल खान रायगढ़ जिला – रायगढ़ (छ.ग.) पिन – 496440.

दिवस आधारित कविता