नमन आपको बापू नमन हैैं बारम्बार

नमन आपको बापू नमन हैैं बारम्बार

mahatma gandhi

नमन आपको बापू,  नमन हैैं बारम्बार।
सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाया,  अत्याचार के आप प्रतिकार।।


खादी को किया था आपने प्यार, स्वदेशी अपनाया।
सत्य, अहिंसा के हथियार से गौरों को खूब छकाया।।
आजादी के परवाने थे,सत्याग्रह के आप रहे प्रतीक।
नमक छोडो आंदोलन की भी चले आप लीक।।


साबरमती आश्रम में जीवन गुजारा,पोरबंदर के पूत ।
सादा खाया,सादा पीया, हाथों जिन्होंने काता था सूत।।
सुभाष चंद्र बोस ने राष्ट्र पिता नाम से संबोधित किया।
आजादी के नायक गांधी, आजादी के लिए ही जो जिया।।


भेदभाव सारे मिटा दिये,  अस्पृश्यता मिटा डाली ।
विदेशी कपडों की होली तक जला डाली।।
उपवास रखे,गये अनेक बार जेल की सजा काटी थी।
सत्य, अहिंसा के दूत गांधी,धन्य हो गई भारत की ये मााटी थी।।

सेवा करना था काम उनका,  स्वच्छता को जिन्होंने बल दिया।
अहिंसा के बल पर अंग्रेजों से लोहा लिया।।
शहीद दिवस पर आओं हम सब मिलकर कर लें बापू को प्रणाम।
राजघाट पर बनी समाधि, ढलने न पाये इस दिवस की शाम।।

सीधा साधा ,आंंखों पर चश्मा ताने ।
याद आते रहेेंंगे आजादी के गांधी से सच्चे परवाने।।
जय जय भारत की अमर भूमि, तुझ पर जन्मे वीर अनेक।
गांधी जी इतिहास में अमर रहेेंगे, युवा पीढ़ी तू भी जरा देख।।

धार्विक नमन, “शौर्य”,असम,  9828108858

दिवस आधारित कविता