कविता
- नन्हा मुन्ना राही हूँ देश का सिपाही हूँ बाल गीत
- वृक्ष लगाएं धरती बचाएं/ नीलम त्यागी ‘नील’
- प्रेरक कविता/ डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी
- हो रहा पर्यावरण नुकसान/एस के कपूर “श्री हंस”
- सरस्वती वंदना/डॉ0 रामबली मिश्र
- जलती धरती/मनोज कुमार
- जलती धरती/प्रेमचन्द साव “प्रेम”,बसना
- शिवरात्रि विशेष/डॉ0 रामबली मिश्र
- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रचना/सुशी सक्सेना
- जलती धरती/पूनम त्रिपाठी
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लोक गीत
लोकगीत लोक के गीत हैं। जिन्हें कोई एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा लोक समाज अपनाता है। सामान्यतः लोक में प्रचलित, लोक द्वारा रचित एवं लोक के लिए लिखे गए गीतों को लोकगीत कहा जा सकता है। लोकगीतों का रचनाकार अपने व्यक्तित्व को लोक समर्पित कर देता है। शास्त्रीय नियमों की विशेष परवाह न करके सामान्य लोकव्यवहार के उपयोग में लाने के लिए मानव अपने आनन्द की तरंग में जो छन्दोबद्ध वाणी सहज उद्भूत करता हॅ, वही लोकगीत है।
छत्तीसगढ़ महतारी पर कविता
सुघ्घर हाबय हमर छत्तीसगढ़ महतारी-पुनीत राम सूर्यवंशी जी (chhattisgarh mahtari)
मोर मया के माटी-राजेश पान्डेय वत्स
मोर मया के माटीछत्तीसगढ़ के माटीअऊ ओकर धुर्रा।तीन करोड़ मनखेसब्बौ ओकर टुरी टुरा।।धान के बटकी…
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर कविता
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर कविताचलो नवा सुरुज परघाना हे1 नवम्बर छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस 1…
हरि का देश छत्तीसगढ़-बाँके बिहारी बरबीगहीया
हरि का देश छत्तीसगढ़आर्यावर्त के हृदय स्थल परछत्तीसगढ़ एक नगर महान।कर्मभूमि रही श्रीराम प्रभु कीसंत…
छत्तीसगढ़ का वैभव -शशिकला कठोलिया
छत्तीसगढ़ का वैभवछत्तीसगढ़ी कविताकहलाता धान का कटोरा ,है प्रान्त वनाच्छादित ,महानदी ,इंद्रावती,…