गणेश वंदना / डॉ विजय कुमार कन्नौजे

गणेश वंदना / डॉ विजय कुमार कन्नौजे

गणेश वंदना
गणेश वंदना


मै हव अड़हा निच्चट नदान
दया करबे ग गणेश भगवान
गौरी गौरा आथे सुरता
तुंहर संग नंदी मेहरबान।

मुसुवा सवारी लड्डू खवइया
मुल बाधा तै दुख दुर करइया
तोर घर परिवार आथे सुरता
दया करबे ज्ञान देवइया।।

कवि विजय के बिनती मानबे
रिद्धि सिद्धि तै संग मा लानबे
मोर अंगना बढा़दे शोभा
कारज घलो मोर सुधारदे।।

जय हो गणेश, कांटों क्लेश
तोला कइथे गौरी गणेश
अवघड़ दानी भोले बाबा
नंदी सवारी पिता महेश।।

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।