हिंदी कविता पृथ्वी माता पर कविता/ विजय कुमार कन्नौजे कविता बहार Apr 28, 2024 पृथ्वी माता पर कविता/ विजय कुमार कन्नौजेGlobal-Warming-मां की गरिमा मां ही जानेंइनकी महिमा कौन बखानेमातृ…
हिंदी कविता धरती पर कविता/ डॉ विजय कुमार कन्नौजे कविता बहार Feb 26, 2024 धरती पर कविता/ डॉ विजय कुमार कन्नौजेJALATI DHARATIजलती धरती तपन ज्वलनक्रोधाग्नि सा ज्वाला।नशा पान में चुर…
हिंदी कविता मर्द का दर्द / डॉ विजय कुमार कन्नौजे कविता बहार Jan 17, 2024 मर्द का दर्द / डॉ विजय कुमार कन्नौजेनारी बिना ना मर्द हैंमर्द का एक दर्द है।एक अनजाने कन्या लाकरपालने पोसने का…
छत्तीसगढ़ी रचना गणेश वंदना / डॉ विजय कुमार कन्नौजे कविता बहार Jan 17, 2024 गणेश वंदना / डॉ विजय कुमार कन्नौजेगणेश वंदनामै हव अड़हा निच्चट नदानदया करबे ग गणेश भगवानगौरी गौरा आथे…
हिंदी कविता रूख राई हे खास/ डॉ विजय कुमार कन्नौजे कविता बहार Jan 3, 2024 रूख राई हे खास/ डॉ विजय कुमार कन्नौजेपेड़जंगल झाड़ी अउ रूख राईप्राणी जगत के संगवारी हे।काटथे फिटथे जउन…
हिंदी कविता हसदेव जंगल पर कविता कविता बहार Jan 3, 2024 हसदेव जंगल पर कविताहसदेव जंगलहसदेव जंगल उजार के रोगहा मन पाप कमा के मरही।बाहिर के मनखे लान केमोर…
हिंदी कविता सतनाम पर कविता कविता बहार Jan 3, 2024 सत के रद्दा बताये गुरूसही मारग दिखाये।सहीं मारग बतायें गुरू जयतखाम ल गड़ाये।।चंदा सुरूज ल चिनहायेगुरु,जोड़ा खाम…
हिंदी कविता आत्म ज्ञान ही नया दिन कविता बहार Jan 3, 2024 जिस दिन जीवन खुशहाल रहे,जिस दिन आत्मा ज्ञान प्रकाश रहे,उस दिन दीवाली है।जिस दिन सेवा समर्पण भाव रहे,जिस दिन नवीन…
हिंदी कविता चमचा गिरि नही करूंगा कविता बहार Jan 2, 2024 चमचा गिरि नही करूंगाजो लिखुंगा सत्य लिखुंगाचमचा गिरी नही करूंगा।कवि हूं कविता लिखुंगाराजनेता से नहीं…
हिंदी कविता गंगा की पुकार कविता बहार Jan 2, 2024 गंगा की पुकारगंगा घलो रोवत हे,देख पापी अत्याचार।रिस्तेदारी नइये ठिकाना,बढ़गे ब्यभीचार।।कलयुग ऊपर दोष…