आत्म ज्ञान ही नया दिन

जिस दिन जीवन खुशहाल रहे,
जिस दिन आत्मा ज्ञान प्रकाश रहे,
उस दिन दीवाली है।
जिस दिन सेवा समर्पण भाव रहे,
जिस दिन नवीन अविष्कार
रहे
नव वर्ष आने वाली हैं।
जिस दिन घर घर पर दीप
जले,
जिस दिन पापियन निज हाथ मले
उस दिन दीवाली है।
नव वर्ष की खुशहाल त्योहार
उस दिन हम मनायेंगे।
जिस दिन भारत भुमि में नव दिन ज्योति जलायेंगे।।
नया वर्ष मनायेंगे,
नव दुर्गा नव रूप लेकर,, भक्तों का मन हर्षायेगे।।

कौशल्या राज दुलारे हैं,
दशरथ प्राण प्यारे हैं।
पंच शतक बनवास काट,फिर अवध में राम पधारे हैं।।

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।