मनीभाई की तांका
मनीभाई की तांका नंद के लालाब्रज का तू गोपालाहै भोला भालाभाये बांसुरी तेरीछाये प्रेम घनेरी।। -मनीभाई ●●●●●●●●●●नाचते देखादेव विसर्जन मेंलोगों कोलिए फूहड़पनडीजे केे तरानों में।●●●●●●●●●●मैं नहीं एकमेरे रूप अनेकमैं ही ना जानूँ मेरी हकीकत कोमुझसे मिला दे तू।●●●●●●●●●●मनीभाई ‘नवरत्न’ मनीभाई की ताकाँ आता न कलमहाकाल विजेताकर तो शुरूअपना अभियानलाना गर तूफान।