छलक गया पूरबी के हाथों से कनक घट ★ बहने लगीं सुनहरी रश्मियाँ विहान-पथ ★ चुग रहे हैं हवाओं के पखेरू धूप की उष्मा ★ झूलने लगीं शाख़ों के झूलों पर स्वर्ण किरणें ★ नभ में गूँजे पखेरुओं के स्वर प्रभात गान
"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।