सेना दिवस पर हिंदी कविता

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भारतीय सैनिकों का दर्द हम कम से कम अपने दिल में उतार कर देश की सेना को सम्मान के नजरिए से देखें तो यह भी एक बड़ी देशभक्ति होगी। सीमा पर तैनात एक जवान का दर्द इस कविता में शामिल किया गया है। सैनिकों पर कविता सर पे कफ़न बाँधे, हाथ में बंदूक ताने।बढ़ते वीर … Read more

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पितृ पक्ष पर कविता 2021 -राजेश पान्डेय वत्स (मनहरण घनाक्षरी)

हम यहाँ पर आपको पितृ पक्ष पर कविता प्रस्तुत कर रहे हैं आशा है आपको यह पसंद आएगी .

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धनतेरस पर कविताएं: Poems on Dhanteras in hindi

धनतेरस पर कविताएं

धनतेरस पर कविताएं: कार्तिक माह (पूर्णिमान्त) की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंन्थन के समय भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। धन्वन्तरि जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वन्तरि चूँकि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है। … Read more

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किरीट सवैया पर कविता

किरीट सवैया पर कविता

किरीट सवैया पर कविता भारत भव्य विचार सदा शुभ, भारत सद् व्यवहार सदा शुभभारत मंगल कारक है नित, भारत ही हित कारक है शुभ।भारत दिव्य प्रकाश सदा शुभ, भारत कर्म प्रधान सदा शुभ।भारत भावन भूमि महा शुचि, भारत पावन धार सदा शुभ। पुष्पाशर्मा”कुसुम”

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अनेकों भाव हिय मेरे

अनेकों भाव हिय मेरे

अनेकों भाव हिय मेरे अनेकों भाव मन मेरे, सदा से ही मचलते हैं।उठाता हूँ कलम जब भी, तभी ये गीत ढलते हैं।पिरोये भाव कर गुम्फित, बनी है गीत की मालाकई अहसास सुख-दुख के, करीने से सजा डाला।समेटे बिंब खुशियों के, सुरों में यत्न कर ढाला।सुहाने भाव अंतस में, मचलते अरु पनपते हैं।1अनेकों भाव हिय मेरे… … Read more

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भारत माँ के सपूत

भारत माँ के सपूत

भारत माँ के सपूत – घनाक्षरी चाहे ठंड का कहरआधी रात का पहरतिलभर न हिलते,खड़े , सीना तान के। डरते न तूफान सेडटे हैं बड़ी शान सेभूख ,प्यास ,नींद छोड़,रखवारे मान के। समर्पित हैं देश कोमातृ -भू जगदीश कोतन, मन ,धन सब,सुर -लय गान के। लगे सब देव दूतभारत माँ के सपूतबचाये त्रासदी से वो,निज … Read more

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दोहा पंचक

दोहा पंचक

दोहा पंचक -रामनाथ साहू ननकी किन्नर  खूब  मचा  रहे ,  रेलयान  में   लूट ।कैसी है  ये  मान्यता , दी  है किसने  छूट ।। जल थल नीले गगन पर ,, मानव का आतंक ।दोहन जो  करता  मिले , सागर को ही पंक ।। हिंसा  हुई  बढ़ोतरी , होत   अहिंसा    छोट ।सबके  मन  को भा  गई , … Read more

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त्रिपदिक

त्रिपदिक

त्रिपदिक      .    अतीत   धरोहर   है ।सुधार  ले  चल  आज  कोतुझे  आता  जौहर   है ।            *जीवन रण हारा अगर ।मत हो निराश बाँकुरेदेगी विजय मंत्र समर ।           *कविता नहीं बोल रहा ।आप बीती है मेरीभेद ये क्यों खोल रहा ।                *कर्म में प्रेम धर्म कर ।समृद्धि घर आती हैबंदे सदा सुकर्म कर ।     .              *क्यों  … Read more

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आज का भारत -आर्द्रा छंद

भारत पर कविता

        आज का भारत  हवा  चली  है  अब  देश  में  जो         विकास  गंगा  बहती  मिली  है ।आनंद   वर्षा   चहुँ  ओर   होती        तरंग  से  आज  कली खिली है ।। गरीब   कोई   मिलता   नहीं   है        बेरोजगारी    अब     दूर   भागे ।संसाधनों  की  कमियाँ  नहीं  है         रिकार्ड  उत्पादन  और  आगे ।। बना   रहा   भारत   आशियाना         है  चाँद की भूमि निहाल … Read more

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दोहा सप्तक

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दोहा सप्तक                          *जो तू तोड़े फूल को , किया बड़ा क्या काम ।फूलों को  मुरदा  करे , खुश हो  कैसे  राम ।।                         *जीवन  के सौन्दर्य से , जब  होगी पहचान ।पायेगा  तब ही  मजा , सचमुच  में इंसान ।।        .                 *समय लगे न चित्र रचे , झटपट रचना होय ।एक चरित्र  निर्माण में , … Read more

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