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जीवन की है परिभाषा

जीवन की है परिभाषा

अक्षर अक्षर भावों से  गुंजित
कल्पना की मिठास है कविता
कवि मन की मर्म अभिव्यंजना
मृदु निर्झरित एहसास है कविता l
सुख दुख से परिपूर्ण जीवन की
शब्द शक्ति की आशा है कविता
रवि किरणों से भी सशक्त है ये
जीवन की है परिभाषा कविता l
मन  हृदयभाव उद्गारों की  निधि
कपोल कल्पित स्मित है कविता
मरु को  भी  मधुमय  कर दे जो
कवि मेधा से सृजित है  कविता l
हंसी, रुदन, मिलन, बिछोह की
विविध अभिव्यंजना है कविता
जीवन के हर  क्षेत्र, विषय  की
जीवंत जागृत कल्पना है कविता l
समय के एकाकीपन लम्हों में
सबसे निकट परम साथी कविता
ख़ुशी, उमंग, उत्सव  के  पलों  में
जीवन को सरस बनाती कविता l
अज्ञानता, जड़ता  के  जगत  में
रोशनी का दीप जलाती  कविता
कवि  के छंद बंद अलंकारों को
सुंदर शब्दों में सजाती कविता l
कल्पना के अलौकिक संसार से
कागज़ पर उतरती  है कविता
मुरझाये निराश द्रवित मन में भी
ऊर्जा का संचार करती है कविता l
ईश्वर  प्रदत्त यह  कवित्व शक्ति 
कवि की पहचान कराती कविता
कोमल एहसासों की थाती यह
तम में नव विहान लाती कविता l
माँ वीणावादिनी का वरदान  ये
पंक में खिलता कमल है कविता
भावों की अभिव्यक्ति ये कवि की
शायर की मधुर गज़ल है कविता l

कुसुम लता पुन्डोरा 
आर के पुरम
नई दिल्ली
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद

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