mother their kids

माँ पर दोहे- राजकिशोर धिरही

यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है।

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माँ पर कविता

माँ पर दोहे

असली माँ जो जन्म दे,बड़ा करे हर हाल।
उनकी सेवा रोज हो,खूब सजा कर थाल।।

शिशु को रखती कोख में,सह कर सारे दर्द।
आँचल में हमको रखे,धूप रहे या सर्द।।

जतन करे वह रात दिन,करती वह पुचकार।
माँ की ममता खूब है,वह तो तारन हार।।

जीवन देती दूध से,करती रहती मान।
उसके आगे है नहीं,कोई भी भगवान।।

अपनी माता को नमन,करते बारम्बार।
मैया हमको तार दे,तुमसे ही संसार।।

माटी की है वो नहीं,उसमें सच्ची जान।
सुन कर समझे दर्द को,माँ है श्वास समान।।

राजकिशोर धिरही
तिलई,जांजगीर
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद

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