रेखा मल्हार की कविता

रेखा मल्हान की कविता

कविता संग्रह
कविता संग्रह

मिले न सभी को रोटी , नहीं कपड़ा मकान ।
भूखे ही सबै सोवत , नेता करै न भान ।। १।।

नेता कर जनहित वदन , लालच देवत जात ।
झुठा वादे करत जात , मान नहीं निज बात ।।२ ।।

हो स्वदेश का विकास , रखते हैं यह आस ।
सपने हो सबै पूरन , कोय होए न निराश ।।३ ।।

कठिन पथ पर चलकर ही , बनाते सरल राह ।
मिलेगी मंजिल उनको , जिनके मन में चाह ।।४ ।।

करता मेहनत किसान , खेत की मस्त शान ।
लहलाती फसलें देख , आती उसमें जान ।।५ ।।

नहीं पाता वह राहत , जब काम होय खास ।
करै वह तभी आराम , जब फसल होय खास ।।६ ।।

मिले सभी को आवास , योजना यही पास ।
भूखा प्यासा न सोए , पूरन होये आस ।।७ ।।

सजाए मधुरिम स्वप्न , पूरन होये आज ।
अधूरा न रहे स्वप्न , पुरन होय सब काज ।। ८ ।।

कुटिल वचन सबसे बुरा , जले करै सब राख ।
सज्जन वचन जल समान , बरसती अमिय धार ।। ९ ।।

पानी जैसा बुलबुला , ये मानव की जात ।
मिलते ही छुप जाएगा , ज्यों आया प्र भात ।। १० ।।

रेखा मल्हान ‘ कृष्णा ‘
२३/११/२१

रेखा मल्हान के बारे में

जन्म तिथि : 21 अगस्त 1973
माता : श्रीमती सावित्री देवी
पिता : श्री जगत सिंह आर्य
शिक्षा : स्नातक संस्कृत दिल्ली विश्वविद्यालय
एम०ए० (हिन्दी ) बी०एड०
प्रकाशन : राष्ट्रीय पुस्तक हिन्दुस्तानी भाषा भारती ( अप्रैल -जून 2021) में आलेख प्रकाशित हिन्दी में रोजगार के अवसर
सम्प्रति : अध्यापन एवं स्वतंत्र लेखन
स्थायी पता : मकान न० 87 , सेक्टर 19 ,
द्वारका नई दिल्ली – 110075
( हेल्थ सेंटर अम्बरहाई के सामने)
पत्राचार का पता : H. No 87 , Opposite Health Center , Sector 19 , Dwarka New Delhi 110075
ईमेल : [email protected]
सम्पर्क सूत्र : 8700480256

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