25 दिसम्बर महामना मालवीय जयन्ती पर कविता

शत-शत आज नमन है ● डॉ. ब्रजपाल सिंह संत देह भस्म तो उड़ जाती है, कार्य अजर-अमर है। विष्णु चरणी, शीतलता सा, हर-हर गर्जन स्वर है संकल्पों का शंख, विश्व…