मैथिलीशरण गुप्त की 10 लोकप्रिय कवितायेँ
चारु चंद्र की चंचल किरणें / मैथिलीशरण गुप्त चारुचंद्र की चंचल किरणें, खेल रहीं हैं जल थल में,स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई है अवनि और अम्बरतल में।पुलक प्रकट करती है धरती, हरित तृणों की नोकों से,मानों झीम[1] रहे हैं तरु भी, मन्द…