मुस्लिम भाइयों का रमजान पवित्र मास है। इन दिनों वे एक महीने का रोजा अर्थात् उपवास रखते हैं। फरिश्ता जिब्रील के द्वारा भगवान ने जो संदेश तेईस वर्षों में पैगम्बर मोहम्मद साहब के पास भेजा था, वही पैगाम उन्होंने जगत् को दिया। हजरत जिब्रील जिस संदेश को लाए थे उसका नाम कुरान शरीफ है। रमजान के दिनों वह उतरते थे, इसीलिए यह मास अत्यन्त पवित्र माना जाता है।
है रमजान प्रेम-मुहब्बत का महीना,
है रमजान मज़हब याद दिलाने का महीना।
है रमजान ज़श्न मनाने का महीना,
है रमजान ज़श्न मनाने का महीना।
पाक रखेंगे इसे अल्लाह के नाम,
नहीं करेंगे हम इसे बदनाम।
है प्रेम का महीना रमजान,
है प्रेम का महीना रमजान।
आया है ईद प्रेम-भाईचारा का सौगात लेकर,
मनाएंगे इसे वैर व कटुता का भाव भुलाकर।
मिलजुल मनाएंगे ईद,
नहीं करेंगे मांस खाने की जिद।
तोड़ेंगे हिंसा का रश्म,
मनाएंगे मिलकर ज़श्न।
हम सब लें आज ये कसम,
हम सब लें आज ये कसम॥
~ महेश कुमार वर्मा