Share Get real time updates directly on you device, subscribe now.Subscribe*हाइकु त्रयी*~~~●~~~[१]कोहरा घनाजंगल है दुबका दूर क्षितिज![२]कोहरा ढांपे न दिखे कुछ पार ओझल ताल[३]हाथ रगड़ कुछ गर्माहट होकांपता हाड़*-@निमाई प्रधान’क्षितिज’* निमाई प्रधान 'क्षितिज' 0 44 Share