Month January 2023

संविधान का मान तिरंगा है

संविधान का मान तिरंगा है तीन रंग से बना हुआ ये संविधान का मान तिरंगा है। पूरे जग में सबसे न्यारा आन बान अरु शान तिरंगा है।। जाति पांति के भेद मिटाता ये हम सबकी करता रखवाली। तीन रंग इसके…

मन की व्यथा

मन की व्यथा इस निर्मोही दुनिया में कूट-कूट कर भरा कपट कहाँ फरियाद लेकर जाऊँ मैं किसके पास लिखाऊँ रपट जिसे भी देखो इस जहाँ में भगा देता है मुझे डपट शांति नहीं अब इस जीवन में कहाँ बुझाऊँ मन…

सेनानी बन जाएं हम

चलो गुलामी आज़ादी का, मिलकर खेल बनाएं हम। तुम व्यापारी अंग्रेज बनो, और सेनानी बन जाएं हम।। तुम हम पर कर लगाओ, तो तड़प तड़प जाएं हम। भूख प्यास बर्दाश्त ना हो, और सेनानी बन जाएं हम।। सत्ताधारी भ्रष्टाचारियों के,…

बसंत पंचमी पर गीत – सुशी सक्सेना

मेरे मन का बसंत बसंत ऋतु का, यहां हर कोई दिवाना है।क्या करें कि ये मौसम ही बड़ा सुहाना है।हर जुबां पर होती है, बसंत ऋतु की कहानी।सुबह भी खिली खिली, शाम भी लगती दिवानी। चिड़ियों ने चहक कर, सबको…

देश भक्ति गीत – सुशी सक्सेना

इश्क ऐ वतन इश्क ओ उल्फत कुछ हमें भी है इस वतन से।कुछ कर गुजेरेंगे, इक रोज़ हम भी तन मन से। गुलशन अपने वतन का जार जार न होने देंगे।इसकी किसी भी कली को बेजार न होने देंगे। अमर…

एक पड़ोसन पीछे लागी – उपमेंद्र सक्सेना

एक पड़ोसन पीछे लागी आज लला की महतारी कौ, अपुने मन की बात बतइहौं एक पड़ोसन पीछे लागी, बाकौ अपुने घरि लै अइहौं। बाके मारे पियन लगो मैं, नाय पियौं तौ रहो न जाबै चैन मिलैगो जबहिं हमैं तौ, सौतन…

सुभाष चंद्र बोस जयंती – उपमेंद्र सक्सेना

सुभाष चंद्र बोस जयंती – उपमेंद्र सक्सेना थे सुभाष जी मन के सच्चे, सबने उनको इतना माना।नेता जी के रूप में उन्हें, सारी दुनिया ने पहचाना। सन् अट्ठारह सौ सतानवे, में तेईस जनवरी आयीतब चौबीस परगने के कौदिलिया ने पहचान…

तुकांत क्या है ?

तुकान्त क्या है ?     काव्य पंक्तियों के अंतिम भाग में पायी जाने वाली वर्णों की समानता को तुकान्त कहते हैं।      कविता के शिल्प में तुकान्त का विशेष महत्व है, इसलिए काव्य-साधना के लिए तुकान्त-विधान समझना आवश्यक…

गुरु की मार

5 अक्टूबर 1994 को यूनेस्को ने घोषणा की थी कि हमारे जीवन में शिक्षकों के योगदान का जश्न मनाने और सम्मान करने के लिए इस दिन को विश्व शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा। गुरु पूर्णिमा – महर्षि वेद…

सरस्वती वंदना

सरस्वती वंदना हँसवाहिनी माँ की जय जय वीणावादिनी जय हो शुभ्रज्योत्स्ना भरो हृदयमें अन्धकार सब क्षय हो पद्मासना श्वेत वस्त्रा माँ तेरी जय जय जय हो 2 पुलकित ज्ञान ज्योति में मेरी सद्बुद्धि की लय हो ज्ञानदायिनी तब प्रकाश में…