आज कल अवसाद से गुजर रहा हूं मैं
*ग़ज़ल* आज कल अवसाद से गुज़र रहा हूं मैं। बिना तेरे निबाह! कैसे उमर रहा हूं मैं। एक उम्र तक जिंदगी से गिला न रहा, जिंदगी के साये से अब डर रहा हूं मैं। तू था साथ,तो हसीन थे दिन रात मेरे, अब पशोपेश से दो चार कर रहा हूं मैं। नाकाम आशिक,सौदाई भी नहीं … Read more