हिंदी संग्रह कविता- वीर बालक

वीर बालक

school
प्रेरणादायक कविता


हम प्रभात की नई किरण हैं,
हम दिन के आलोक नवल।
हम नवीन भारत के सैनिक,
धीर, वीर, गम्भीर, अचल।
हम प्रहरी ऊँचे हिमाद्रि के,
सुरभि स्वर्ग की लेते हैं।
हम हैं शांति-दूत धरणी के,
छाँह सभी को देते हैं।
वीर-प्रसू माँ की आँखों के,
हम नवीन उजियाले हैं।
गंगा-यमुना, हिन्द-महासागर,
के हम रखवाले हैं।
हम हैं शिवा-प्रताप, रोटियाँ
भले घास की खाएँगे।
मगर किसी जुल्मी के आगे,
मस्तक नहीं झुकाएँगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *