हम उजाला जगमगाना चाहते हैं -केदारनाथ अग्रवाल
हम उजाला जगमगाना चाहते हैं
अब अँधेरे को हटाना चाहते हैं।
हम मरे दिल को जिलाना चाहते हैं,
हम गिरे सिर को उठाना चाहते हैं।
बेसुरा स्वर हम मिटाना चाहते हैं।
ताल-तुक पर गान गाना चाहते हैं।
हम सबों को सम बनाना चाहते हैं।
अब बराबर पर बिठाना चाहते हैं।
हम उन्हें धरती दिलाना चाहते हैं,
जो वहाँ सोना उगाना चाहते हैं।
–केदारनाथ अग्रवाल