प्रेरणा दायक कविता – हम मस्तों में आन मिले
हम मस्तों में आन मिले, कोई हिम्मतवाला रे,
दल बादल-सा निकल चला यह दल मतवाला रे।
हम मस्तों में आन मिले, कोई हिम्मतवाला रे।
बिजली-सी तड़पन नस-नस में, आज नहीं हम अपने बस में,
बहुत दिनों अन्याय का हमने बोझ सम्भाला रे।
हम मस्तों में आन मिले, कोई हिम्मतवाला रे।
तूफानों से टक्कर लें हम, पर्वत के दो टूक करें हम,
नये रक्त में लहर ले रही, जीवन ज्वाला रे।
हम मस्तों में आन मिले, कोई हिम्मत वाला रे।
प्रेरणा दायक कविता
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