छत्तीसगढ़ दर्शन

छत्तीसगढ़ दर्शन

छत्तीसगाढ़ी रचना
छत्तीसगाढ़ी रचना


टिकली अस बलरामपुर ,
जिंहा सुग्घर ताता पानी।
सूरजपुर म कुदरगढ़ी हे,
कोरिया ले हसदो पानी।


नागलोक जशपुर कुनकुरी,
सीताबेंगरा सजे सरगुजा।
जामवंत पेंड्रा मरवाही ,
कोरबा म कोईला दूजा।


कबरा गूफा रायगढ़ वाला,
जांजगीर म दमउदहरा।
बिलासा माई के बिलासपुर,
मुंगेली मदकु दीप हे गहरा।


कूशियार अस मीठ कवर्धा,
गिधवा ह उड़थे बेमेतरा,
चलौ बलौदा गुरु धाम ए,
महासमुंद नदी के धारा।


राजधानी हे रायपुर सुग्घर,
दुरुग ज्ञान के झंडा ए।
नाच गान वादन नाटक के,
राजनांदगाँव ह हण्डा ए।


धमतरी के मकुट सिहावा,
बालोद के दिल्लीराजहरा।
घटारानी वो गरियाबंद के,
कांकेर दूधनदी हे गहरा।


कोण्डागाँव म जटायुशीला,
अबुझमाड़ नारायणपुर म।
इंदिरावती हमर गंगा ए,
बहे बस्तर मिले बिजापुर म।


डंकिनी शांकिनी दंतेश्वरी,
जब्बर लोहा हे दंतेवाड़ा।
चाँदी के बिछिया सुकमा।
जिंहा झीरमघाटी जगरगुड़ा।

रचना – अनिल कुमार वर्मा
सेमरताल

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