राम प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया
राम राष्ट्र की जीवन धारा नवगीत
सुशील शर्मा
अखिल विश्व के राम / सुशील शर्मा
राम राष्ट्र की जीवन धारा
अखिल विश्व के राम हैं।
जन जन के हृदयों में बसते
राम प्रेम के धाम हैं।
जीवन की सुरभित नदिया की,
वो अविरल जल धारा हैं।
राम सदा प्राणों में बसते,
उन पर तन मन वारा है।
राम धर्म हैं राम कर्म हैं,
लाखों उन्हें प्रणाम हैं।
राम सत्य संदेश सदा से,
राम वीरता के प्रतिमान।
भारत के तन मन में बसते,
राम आत्मा के सम्मान।
राष्ट्र अस्मिता के धारक हैं,
जीवन के सुख धाम हैं।
राम सनातन पुरुष हमारे,
हम उनके अनुगामी हैं।
जनकदुलारी के वो प्रियवर
हम सबके मन स्वामी हैं।
राम प्रेम के हैं संवाहक
जीवन मंत्र सुधाम हैं।
हम सब तो हैं पुत्र तुम्हारे
हम सब धुर अज्ञानी हैं।
अखिल विश्व के पालनहारे
राहें सब अनजानी हैं।
अखिल विश्व के रक्षक प्रभु तुम
अमृत अमिय अभिराम हो।
सुशील शर्मा