गौरी पर दोहे

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवीशक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया है।

durgamata

“गौरी पर दोहे”

1.शंकर की अर्धान्गिनी, गौरी जी कहलाय
  बैठी शिव के वाम में, जोड़ी परम सुभाय

  1. नव दुर्गा नव रूप की,संसार करे भक्ति
      जग जननी माँ तू उमा,देती सबको शक्ति
  2. कर जोड़ धूप दीप ले,भक्त खड़े है द्वार
      नर नारी पूजन करे,करना माँ उद्धार
  3. माँ महिषासुर मर्दिनी,सिंह पर हो सवार
      अद्भुत महिमा माय की,भक्त करे जयकार
    5.विपत पड़ा जब भूमि पर,ली काली अवतार
        खल दल छल बल नास कर,करे दुष्ट संहार
    ✍ श्रीमती सुकमोती चौहान रुचि
    बिछिया,बसना,महासमुन्द,छ.ग.
    कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद
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