छत्तीसगढ़ महिमा – पंकज
छत्तीसगढ़ महतारी मोर छत्तीसगढ़ महतारी।
तोर कोरा म रहिथे दाई दाता अउ भिखारी।
उत्तर म सरगुजा हावे स्वर्ग समान कहाथे।
दक्षिण म केशकाल के घाटी सबके मन ल मोहाथे।
पश्चिम म मैकल पर्वत हे बैगा मन के डेरा।
अउ पूरब म अब्बड़ ऊँचा जशपुर क्षेत्र पठारी।
छत्तीसगढ़ महतारी
महानदी ल गंगा कहिथे सबके प्यास बुझाथे।
डोंगरगढ़ बमलाई म चढ़ के मन हर्षित हो जाथे।
राजिम के महिमा बड़ भारी प्रयाग राज कहाथे।
रतनपुर महामाया गौरव गाथे सब नर नारी।
छत्तीसगढ़ महतारी
ये भुइँया म दबे पड़े कोयला लोहा के खान।
मनखे मन के बोली म हे भरे कटोरा धान।
कोरबा के बिजली ले जगमग होंगे हिंदुस्तान।
नरवा मन के जाल बिछे हे होथे आठो माह निस्तारी।
छत्तीसगढ़ महतारी
‘पंकज’