radha shyam sri krishna

तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा-केवरा यदु “मीरा “

तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा

radha shyam sri krishna
श्री राधाकृष्ण

तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा कृष्णा कृष्णा हो कान्हा ।
आओ कन्हाई आओ कन्हाई
तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा—-

कान्हा तूने राधा से प्रीत लगाकर
भूले हो कैसे मोहन मथुरा में जाकर ।
गोकुल की गलियों में फिरती है बावरी सी
तन की सुध बिसराई कृष्णा कृष्णा कृष्णा हो कान्हा ।।
तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा कृष्णा कृष्णा हो कान्हा ।।
आओ कन्हाई—

यमुना के तट पर आ जाओ कान्हा।
मधुर मुरलिया सुना जाओ कान्हा।
आके गले से लगा जाओ कान्हा ।
क्यूँ कर प्रीत भुलाये कृष्णा कृष्णा कृष्णा हो कान्हा ।।
आओ कन्हाई–

आकर मोहन फिर रास रचादो ।
सावन के झूले में आकर झुला दो।
प्यासी अँखियाँ श्याम दरश दिखादो ।
इक तू है मेरा सहाई कृष्णा कृष्णा कृष्णा हो कान्हा ।।
आओ कन्हाई —

तेरे मिलन की पिया आश लगाई।
मैं तेरी मीरा”तू है मेरा कन्हाई ।
जनम जनम से प्रीत सगाई ।
निकला क्यूँ हरजाई कृष्णा कृष्णा कृष्णा हो कान्हा ।।
आओ कन्हाई आओ कन्हाई
तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा कृष्णा कृष्णा हो कान्हा ।।

केवरा यदु “मीरा “

राजिम

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *