मंजूर नहीं पर कविता
संघर्षों में ही
काटूंगा मैं
अपना सारा जीवन
क्योंकि मुझे
किसी तरह से भी
किसी रूप में भी
किसी कारण वश भी
कदम दर कदम पर
समझौता करना
मुझे मंजूर नहीं।।
संघर्षों में ही
काटूंगा मैं
अपना सारा जीवन
क्योंकि मुझे
किसी तरह से भी
किसी रूप में भी
किसी कारण वश भी
कदम दर कदम पर
समझौता करना
मुझे मंजूर नहीं।।