आओ खेल खेलें-रिंकीकाशी नरेश यादव

आओ खेल खेलें

कविता संग्रह
कविता संग्रह

आओ जीवन के सतरंगी खेल खेले,
अपनी कला को प्रदर्शित करें ।
चलो खुद मे एक विश्वास लाए,
आओ हम एक खेल खेले ।


है नहीं हारने की चाहत ,
ओैर नहीं है जीतने की उम्मीद ।
बस खेल में डूब जाने का मन,
आओ खेल खेले एक ऐसा ।


अस्तव्यस्त है बिन खेल जिंदगी ,
चलो स्वयं को स्वस्थ बनाए और ।
जीवन को एक रंगीन सितारा ,
मधुर दो शब्द है खेल के जो ।


है हर सुबह का व्यायाम हमारा,
‎ आओ खेल खेले हम……..।
‎ पूजा है जो राष्ट्र में हमारे,
‎ आओ उसका कुछ अभ्यास करें ।


‎ चलो बचपन के कुछ मस्ती याद करें,
‎ आओ खेल खेले हम………..।


रिंकीकाशी नरेश यादव
रामनगर मेजा प्रयागराज उत्तर प्रदेश

You might also like