ये भी विकलांगता है
ये भी विकलांगता है नर मूर्तियाँ बना प्रभु ने ,किया काम उत्तमता है।रह गयी कुछ कमियाँ,जग कहे अपंगता है।ये भी……………….। पाँव एक ही होकर भी ,गिरी राज लांघता है ।जो है दो पैरों वाला,देखो टाँग खींचता है।ये भी……………….। पैदा हुआ है मंद बुद्धि,खामोश ही रहता है।जो ज्ञान का सागर बन,गर समाज बाँटता है।ये भी………………..। जिनके … Read more