आओ सच्चेे मीत बनाएँ
आओ सच्चेे मीत बनाएँ (१६,१६)आओ सच्चेे मीत बनाएँ,एक एक हम वृक्ष लगाएँ।बचपन में ये सुन्दर होते ,नेह स्नेह के भाव सँजोते। पालो पोषो गौरव होता।मधुर भाव हरियाली बोता।आज एक पौधा ले आएँ,आओ सच्चे मीत बनाएँ। यौवन मे छाँया दातारी,मीठे खट्टे फल खग यारी।चिड़िया,मैना पिक शुक आए,मधुर सरस संगीत सुनाए। सुन्दर नीड़,बसेरे सजते।पावन पंछी कलरव बजते।प्राण … Read more