प्रताप का राज्यारोहण-बाबूलाल शर्मा
प्रताप का राज्यारोहण-बाबूलाल शर्मा मापनी- २२१ २२२, १२२ १२२ २२ वाचिक. *प्रताप का राज्यारोहण*. १सामंत दरबारी, कहे यह कुँवर खल मति मद।रक्षण उदयपुर हित, सँभालो तुम्ही राणा पद।सौगंध बप्पा की, निभे जब मुगल हो बाहर।मेवाड़ का जन जन, पुकारे सजग उठ नाहर।. २राणा बनो कीका, कुँवर अब स्वजन से अड़ कर।महिमा रखें महि भी, हमारी … Read more