कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

पर्यावरण और मानव/ अशोक शर्मा

save nature

पर्यावरण और मानव/ अशोक शर्मा धरा का श्रृंगार देता, चारो ओर पाया जाता,इसकी आगोश में ही, दुनिया ये रहती।धूप छाँव जल नमीं, वायु वृक्ष और जमीं,जीव सहभागिता को, पर्यावरण कहती। पर देखो मूढ़ बुद्धि, नही रही नर सुधि,काट दिए वृक्ष…

वृक्ष की पुकार कविता -महदीप जंघेल

चंद पैसों के लिए वृक्ष का सौदा न करे। वृक्ष है, तो विश्व है। वृक्ष हमारी माँ के समान है, जो हमे जीवन प्रदान करके सब कुछ अर्पण करती है। अतः पेड़ लगाएं और पर्यावरण बचाएं🌻🌻

वृक्ष की पुकार - कविता, महदीप जंघेल

क्यों काट रहे हो जंगल -बिसेन कुमार यादव’बिसु’ (वन बचाओ आधारित कविता)

क्यों काट रहे हो जंगल (वन बचाओ आधारित कविता) क्यों कर रहे हो अहित अमंगल!क्यों काट रहे हो तुम जंगल!! धरती की हरियाली को तूने लूटा!बताओ कितने जंगल को तूने काटा!! वनों में अब न गुलमोहर न गूलर खड़ी है!हरी-भरी…

सम्भल जाओ आज से- प्रिया सिंह

सम्भल जाओ आज से- प्रिया सिंह भारत वर्ष की बेटी हूं, समझ गई अपना अधिकार ।अन्याय नहीं सहन करेंगे, अब मेरी भी वाणी में धार।अब चाहोगे तुम रोकना हमें , अपने आदतन अंदाज से।पर रोकने वाले!  खुद रुक जाओ, सम्भल…

03 जून विश्व साइकिल दिवस पर दोहे

cycle

03 जून विश्व साइकिल दिवस पर दोहे पाँवगाड़ी साइकिल साधन एक है,सस्ता और आसान।जिसकी मर्जी वो चले, चल दे सीना तान।। बचपन साथी संग चढ़, बैठे मौज उड़ाय।धक्का दें साथी गिरे त, उसको खूब चिड़ाय।। आगे पीछे बीच में, तीन…