हिंदी संग्रह कविता- माँ! बस यह वरदान चाहिए
माँ! बस यह वरदान चाहिए माँ बस यह वरदान चाहिए।जीवन-पथ जो कंटकमय हो, विपदाओं का घोर विलय हो।किन्तु कामना एक यही बस, प्रतिपल पग गतिमान चाहिए। माँ … हास मिले या त्रास मिले, विश्वास मिले या फास मिले।गरजे क्यों न काल सम्मुख, जीवन का अभिमान चाहिए॥ माँ… जीवन के इन संघर्षों में, दुःख – कष्ट … Read more