वैशाख शुक्ल अक्षय तृतीया पर कविता – विकाश बैनीवाल

वैशाख शुक्ल अक्षय तृतीया पर कविता जय किसान,जय जाट जमींदार,है आज आखातीज का त्यौहार। खेती-बड़ी सदैव फल्ले फुलेअन्न-धन्न का भण्डार भरे,राष्ट्र रीढ़ की हड्डी किसानपरमात्मा इसके दुःख हरे। ये धरती किसान की माँ हैऔर बादल किसान का बाप,इंद्र देव वर्षा करो,वर्षा करोकरता किसान नीत यही जा। बारहमास रहे हरे खलियानखुश रहे हमारा ये किसान,जय जवान … Read more

गुरु गोबिन्द सिंह जयंती पर कविता

गुरु गोबिन्द सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर 1666 में पटना, बिहार में हुआ था। उनके पिता का नाम गुरु तेग बहादुर और माता का नाम गुजरी था। उनके बचपन का नाम गोबिन्दराय था। गुरु गोबिन्द सिंह जी जीवन भर मुगलों से संघर्ष करते रहे। मुगलों के साथ उन्होंने 14 युद्ध लड़े। देश और धर्म के लिए उनका पूरा परिवार शहीद हो गया। उनके कर्मों ने उन्हें नर से नारायण बना दिया। महाराष्ट्र के नांदेड़ में, 7 अक्टूबर 1708 को वे अपना मानव शरीर छोड़कर अनंत में विलीन हो गए।

बंद करो तुम आतंकवाद- अशोक शर्मा (आतंकवाद विरोधी दिवस कविता)

बंद करो तुम आतंकवाद- अशोक शर्मा (आतंकवाद विरोधी दिवस कविता) मानव से मानव का झगड़ा,बढ़ रहा है कितना तगड़ा।हो रहे हैं नरसंहार, देश देश से अत्याचार । मर रहा मानव दोष क्या,ऐसा है नर में जोश क्या, उन्नति का कैसा आस होता।जिसमें मानव विनाश होता। सीमाओं का झगड़ा बंद करो, आपस का रगड़ा बंद करो, … Read more

हिंदी संग्रह कविता-एकता अमर रहे

एकता अमर रहे देश है अधीर रे!अंग-अंग पीर रे!वक्त की पुकार पर,उठ जवान वीर रे!दिग्-दिगंत स्वर रहे!एकता अमर रहे!!एकता अमर रहे !! गृह-कलह से क्षीण आज देश का विकास है,कशमकश में शक्ति का सदैव दुरुपयोग है।हैं अनेक दृष्टिकोण, लिप्त स्वार्थ-साध में,व्यंग्य-बाण-पद्धति का हो रहा प्रयोग है।देश की महानता,श्रेष्ठता, प्रधानता,प्रश्न है समक्ष आज,कौन, कितनी जानता?सूत्र सब … Read more

पेड़ लगावव जिनगी बचावव-तोषण कुमार चुरेन्द्र

पेड़ लगावव जिनगी बचावव-तोषण कुमार चुरेन्द्र रूख राई डोंगरी पहाड़ी रोवत हे पुरजोर…हावा पानी कहाँ ले पाबो करलव भैय्या शोर…. पेड़ लगावव जिनगी बचाववधरती दाई के प्यास बुझाववनदिया नरवा सूख्खा परगे,अब तो थोरिक चेत लगावव गली मुहल्ला सुन्ना परगे सुन्ना होगे गा खोर….हावा पानी कहाँ ले पाबो करलव भैय्या शोर…. कोरोना के कहर चलत हेमनखे … Read more