हिंदी संग्रह कविता- माँ! बस यह वरदान चाहिए

माँ! बस यह वरदान चाहिए माँ बस यह वरदान चाहिए।जीवन-पथ जो कंटकमय हो, विपदाओं का घोर विलय हो।किन्तु कामना एक यही बस, प्रतिपल पग गतिमान चाहिए। माँ … हास मिले या त्रास मिले, विश्वास मिले या फास मिले।गरजे क्यों न काल सम्मुख, जीवन का अभिमान चाहिए॥ माँ… जीवन के इन संघर्षों में, दुःख – कष्ट … Read more

हरिवंशराय बच्चन की १० लोकप्रिय रचनाएँ

हरिवंशराय बच्चन की १० लोकप्रिय रचनाएँ सादर प्रस्तुत हैं आत्‍मपरिचय / हरिवंशराय बच्‍चन मैं जग-जीवन का भार लिए फिरता हूँ,फिर भी जीवन में प्‍यार लिए फिरता हूँ;कर दिया किसी ने झंकृत जिनको छूकरमैं सासों के दो तार लिए फिरता हूँ! मैं स्‍नेह-सुरा का पान किया करता हूँ,मैं कभी न जग का ध्‍यान किया करता हूँ,जग … Read more

उठो स्वदेश के लिए -वंशीधर शुक्ल

उठो स्वदेश के लिए -वंशीधर शुक्ल उठो स्वदेश के लिए, बने कराल काल तुम,उठो स्वदेश के लिए, बने विशाल ढाल तुम! उठो हिमाद्रि शृंग से, तुम्हें प्रजा पुकारती,उठो प्रशस्त पन्थ पर, बढ़ो सुबुद्ध भारती!जगो विराट देश के, तरुण तुम्हें निहारते,जगो अचल, मचल, विकल, करुण तुम्हें दुलारते । बढ़ो नयी जवानियाँ, सर्जी कि शीश झुक गए,बढ़ो … Read more

तम्बाकू निषेध दिवस पर कविता

तम्बाकू निषेध दिवस पर कविता नशा मत करना,नशा है मृत्य समान,तम्बाकू ने ली असमय मानव जान। शौक- शौक में तम्बाकू खाने लगा अनजान,शरीर खोखला करने लगा,मन मंदिर हुआ वीरान। धीरे धीरे सामने आए,तम्बाकू के दुष्परिणाम,डॉक्टर के पास जाना पड़ा,हुआ गलती का भान। फिर कसम खाई मैंने,छोड़ दिया नशे का साथ,तम्बाकू मुक्त हो गया,मेरा भारत महान।। … Read more

वैशाख शुक्ल अक्षय तृतीया पर कविता – विकाश बैनीवाल

वैशाख शुक्ल अक्षय तृतीया पर कविता जय किसान,जय जाट जमींदार,है आज आखातीज का त्यौहार। खेती-बड़ी सदैव फल्ले फुलेअन्न-धन्न का भण्डार भरे,राष्ट्र रीढ़ की हड्डी किसानपरमात्मा इसके दुःख हरे। ये धरती किसान की माँ हैऔर बादल किसान का बाप,इंद्र देव वर्षा करो,वर्षा करोकरता किसान नीत यही जा। बारहमास रहे हरे खलियानखुश रहे हमारा ये किसान,जय जवान … Read more