गाँव की महिमा पर अशोक शर्मा जी की कविता

गाँव की महिमा पर अशोक शर्मा जी की कविता गांव और शहर लोग भागे शहर-शहर , हम भागे देहात,हमको लागत है गाँवों में, खुशियों की सौगात। उहाँ अट्टालिकाएं आकाश छूती, यहाँ झोपड़ी की ठंडी छाँव।रात रात भर चलता शहर जब,चैन…

हिंदी कविता संग्रह

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गाँव की महिमा पर अशोक शर्मा जी की कविता गांव और शहर लोग भागे शहर-शहर , हम भागे देहात,हमको लागत है गाँवों में, खुशियों की सौगात। उहाँ अट्टालिकाएं आकाश छूती, यहाँ झोपड़ी की ठंडी छाँव।रात रात भर चलता शहर जब,चैन…
प्रताप का राज्यारोहण-बाबूलाल शर्मा मापनी- २२१ २२२, १२२ १२२ २२ वाचिक. *प्रताप का राज्यारोहण*. १सामंत दरबारी, कहे यह कुँवर खल मति मद।रक्षण उदयपुर हित, सँभालो तुम्ही राणा पद।सौगंध बप्पा की, निभे जब मुगल हो बाहर।मेवाड़ का जन जन, पुकारे सजग…
पृथ्वीराज चौहान पर दोहे (दोहा छंद) अजयमेरु गढ़ बींठली, साँभर पति चौहान।सोमेश्वर के अंश से, जन्मा पूत महान।। ग्यारह सौ उनचास मे, जन्मा शिशु शुभकाम।कर्पूरी के गर्भ से, राय पिथौरा नाम।। अल्प आयु में बन गए, अजयमेरु महाराज।माँ के संगत…
मतदान विषय पर दोहे- बाबू लाल शर्मा सोच समझ मतदान (दोहा-छंद)1.मत अयोग्य को दें नहीं, चाहे हो वह खास।वोट देय हम योग्य को, सब जन करते आस।। 2.समझे क्यों जागीर वे, जनमत के मत भूल।उनको मत देना नहीं, जिनके नहीं…
शुभकामना विषय पर दोहा -बाबू लाल शर्मा करूँ सदा शुभ कामना, उन्नत होवे देश।भूमण्डल सरनाम हो, उज्ज्वल हो परिवेश।। देश वासियों के लिये, नये साल संदेश।जनता को शुभकामना, खुशियाँ सभी प्रदेश।। सामाजिक परिवेश में, मानव मान समाज।सबके हित शुभकामना, नये…