Author: कविता बहार

  • प्रेरणा दायक कविता – आगे बढ़े चलेंगे

    प्रेरणा दायक कविता

    प्रेरणा दायक कविता – आगे बढ़े चलेंगे

    यदि रक्त बूंद भर भी होगा कहीं बदन में,
    नस एक भी फड़कती होगी समस्त तन में,
    यदि एक भी रहेगी बाकी तरंग मन में,
    हर एक साँस पर हम आगे बढ़े चलेंगे।

    वह लक्ष्य सामने है, पीछे नहीं चलेंग।
    मंजिल बहुत बड़ी है पर शाम ढल रही है,
    सरिता मुखीवों की आगे उबल रही है,
    तूफान उठ रहा है, प्रलयाग्नि जल रही है,
    हम प्राण होम देंगे, हँसते हुए जलेंगे।
    पीछे नहीं हटग, आगे बढ़े चलेंगे।


    अचरज नहीं कि साथी भग जाएं छोड़, भय में,
    घबराएँ क्यों, खड़े हैं भगवान् जो हृदय में,
    धुन ध्यान में फंसी है, विश्वास है विजय में,
    बस और चाहिए व्या, दम एकदम न लेंगे।
    जब तक पहुँच न लेंग, आगे बढ़े चलेंगे।

    प्रेरणा दायक कविता

  • आखिर हम मजदूर है- कविता, महदीप जंघेल

    आखिर हम मजदूर है- कविता, महदीप जंघेल

    मजदूर जिसे श्रमिक भी कहते हैं। मानवीय शक्ति के द्वारा जिसमें दिमागी कार्य,शारीरिक बल और प्रयासों से जो कार्य करने वाला होता है, उसे ही मजदूर कहा जाता है। कार्य करने के उपरान्त जो कार्य को अपनी मेहनत के द्वारा अपनी मानवीय शक्ति को बेच कर करे, उसी का नाम मजदूर कहा गया है।

    1 मई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 1 May International Labor Day

    आखिर हम मजदूर है (मजदूर दिवस) विधा -कविता

    हम मजदूर है,
    मजदूरी हमारा काम।
    पत्थर से तेल निकाला हमने,
    नही हमेआराम।
    कंधे अड़ा दे, तो
    हर काम बन जाए,
    हाथ लगा दे,तो
    बड़ा नाम बन जाए।
    मेहनत मजूरी हम करते,
    बड़े से बड़ा काम होता है।
    पसीने की बूंद हम टपकाते,
    औरों का नाम होता है।
    सड़क पुल हमने बनाया,
    दुनिया को हमने सजाया।
    हमे सिर्फ मेहनत मजूरी मिली,
    इनाम और नाम किसी और ने पाया।
    दुनिया का हर कार्य हमने किया,
    विकास का पथ हमने दिया।
    हर कार्य में कंधे लगाया,
    नाम दाम किसी और ने पाया।
    मेहनत पूरी की, फिर भी
    वजूद नही,आखिर हम मजदूर है।
    रोज खाने रोज कमाने को ,
    आखिर हम मजबूर है।
    बडा घर ,बड़ा महल बनाया,
    जीते जी कभी न रह पाया।
    झुग्गी झोपड़ी में रहने को ,
    हम मजबूर है।
    आखिर हम एक मजदूर है।
    हमने सब कुछ किया,
    अपना जीवन समर्पित किया।
    विश्व की प्रगति हेतू,
    तन मन अर्पित किया।
    हम एक मजदूर,
    झोपड़ी में रहने को मजबूर।
    न कोई सुविधा न कोई राहत,
    आखिर हम एक मजदूर।
    न कोई गम ,न कोई दुःख,
    हम साहसी और मजबूत है।
    हमारी मेहनत से ये दुनिया टिका है,
    लाचार नही ,
    हम मेहनतकश मजदूर है।

    महदीप जंघेल
    खमतराई,खैरागढ़

  • परिवार – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

    परिवार (family) साधारणतया पति, पत्नी और बच्चों के समूह को कहते हैं, किंतु दुनिया के अधिकांश भागों में वह सम्मिलित वासवाले रक्त संबंधियों का समूह है जिसमें विवाह और दत्तक प्रथा स्वीकृत व्यक्ति भी सम्मिलित हैं।

    परिवार
    १५-मई-विश्व-परिवार-दिवस-पर-लेख-15-May-World-Family-Day

    परिवार – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

    परिवार , जीवन का आधार
    परिवार, समाज के उद्भव का आधार

    परिवार से , संस्कृति और पलते संस्कार
    परिवार, धर्म का विस्तार

    परिवार से ये कायनात रोशन
    परिवार से प्रकृति का श्रृंगार

    परिवार राष्ट्र की धरोहर
    परिवार से मिलता एकता को बल

    परिवार से ही रोशन होता यह संसार
    परिवार, मर्यादाओं का विस्तार

    परिवार , अनुशासन का आधार
    परिवार से रोशन होता आशियाँ

    परिवार , ग़मों को साझा करने का आधार
    परिवार, खुशियों को जीने का आधार

    परिवार से मुकम्मल होती ये कायनात
    परिवार से ही सामाजिकता का विस्तार

    परिवार , एक अनुपम उपहार
    परिवार ! परिवार ! परिवार !

  • परिवार का महत्व- कविता महदीप जंघेल

    परिवार का महत्व – कविता

    परिवार

    चाहे दुःख हो,चाहे सुख,
    परिवार ही देता है साथ ।
    चाहे खुशी हो ,चाहे गम
    उनका ही रहता है साथ।

    चाहे गम के बादल छाए,
    दुःख की धारा बहती जाए।
    हौसला बढ़ाने आता है आगे,
    परिवार का ही हाथ।
    चाहे दुःख हो ,चाहे सुख,
    परिवार ही देता है साथ।

    मिलजुलकर रहने में ही,
    सबकी भलाई है।
    हर परिवार में होता,
    प्यार और लड़ाई है।

    बड़ा निर्णय लेना हो,
    बड़े कार्य करने हो,
    सरलता से सुलझ जाता है,
    हर काज।
    क्योंकि परिवार को,
    मिलता है परिवार का साथ।

    परिवार है तो हम है,
    हम है तो परिवार।
    परिवार बिना जीवन सूना,
    लगे घोर अंधकार।

    किसके लिए जिएं,
    क्या खोएंगे ,क्या पाएंगे।
    खाली हाथ आए थे,
    और खाली हाथ जाएंगे।

    परिवार बिना जग सूना,
    निहित पूर्ण संसार।
    इसके बिना जीवन अधूरा,
    यही स्वर्ग का द्वार।

    माता पिता बच्चे बूढ़े,
    सबका है औचित्य,
    बच्चे अगर है तारे ,
    तो बड़े बुजुर्ग आदित्य।

    प्यार दुलार सब कुछ मिलता,
    परिवार के पिटारे में,
    रौशनी दमकती रहती है,
    परिवार रूपी सितारे में।

    सुख में चाहे दुःख में ,
    परिवार का होता साथ।
    संबल देने ,हौसला बढ़ाने,
    परिवार का ही होता हाथ।

    परिवार के बगैर किसी का कोई औचित्य नहीं है। हर इंसान परिवार के लिए जीता और मरता है।

    📝महदीप जंघेल
    खमतराई, खैरागढ़

  • प्रेरणा दायक कविता – आज चुकाना है ऋण तुमको अपनी माँ के प्यार का

    प्रेरणा दायक कविता

    प्रेरणा दायक कविता – आज चुकाना है ऋण तुमको अपनी माँ के प्यार का


    उठो, साथियो ! समय नहीं है बहशोभा-अंगार का।
    आज चुकाना है ऋण तुमको अपनी माँ के प्यार का॥


    प्राण हथेली पर रख-रखकर, चलना है मैदान में।
    फर्क नहीं आने देना है देश, जाति की शान में।
    सबके आगे एक प्रश्न है सीमा के अधिकार का।
    उठी, साथियो! समय नहीं है वह शोभा श्रृंगार का।


    बच्चे-बच्चे के हाथों में हिम्मत का हथियार दो।
    जो दुश्मन चढ़कर आया है उसको बढ़कर मार दी।
    समय नहीं है यह फूलों का, अंगारों के हार का।

    आज चुकाना है ऋण तुमको अपनी माँ के प्यार का।
    सबसे बढ़कर शक्ति समय की आज तुम्हारे पास है।
    तुम्हें खून से अपने लिखना आज नया इतिहास है।


    दुश्मन घुस आया है भीतर, क्या होगा घर-बार का?
    उठो, साथियो! समय नहीं है यह शोभा-श्रृंगार का।
    आज चुकाना है ऋण तुमको अपनी माँ के प्यार का।

    प्रेरणा दायक कविता