मैं नन्हा दीपक हूँ -डाँ. आदेश कुमार
मैं नन्हा दीपक हूँ मैं जग का नन्हा दीपक हूँ ।। मैं निर्भय होकर जलता हूँ ।। निपट अकेला कोई होता ।चिंताओ में जब है खोता ।।रक्षक बन जाता हूँ उसका ,मैं अपलक जगता रहता हूँ ।।मैं जग का नन्हा…
मैं नन्हा दीपक हूँ मैं जग का नन्हा दीपक हूँ ।। मैं निर्भय होकर जलता हूँ ।। निपट अकेला कोई होता ।चिंताओ में जब है खोता ।।रक्षक बन जाता हूँ उसका ,मैं अपलक जगता रहता हूँ ।।मैं जग का नन्हा…
स्नेह का दीप पर कविता जगमग हो जाए हर कोनाहरेक चीज लगे अब सोनाहर दुख का हो जाय शमनभर जाए खुशियों से दामनअंधियारा जग से मिट जाएएक स्नेह का दीप जलाए।। ???विश्व में शांति का प्रसार…
त्यौहार पर कविता आया कार्तिक मास अब, साफ करें घर द्वार।रंग बिरंगे लग रहे, आया है त्यौहार।।१।। गली गली में धूम है , जलती दीप कतार।सभी मनाये साथ में, दीवाली त्यौहार।।२।। श्रद्धा सुमन चढ़ा करें, पूजे लक्ष्मी मान।मेवा घर घर…
इस दिवाली कुछ ऐसा कर देना हे ऐश्वर्य की देवी ! कल्याणकारिणी तुझे प्रणाम !एक निवेदन मेरी सुन लो ,लाया हूं विकट पैगाम , तुझसे कोई अछूता नहीं ,फिर गरीबो को क्यूं छूता नही ,तेरी महिमा अपरंपार ,तेरी चरणों मे समृद्धि…
दीपक हो उदास गर दीपक हो उदास तो दीप कैसे जलाऊ……उन्यासी बरस की आजादी काक्या हाल हुआ उनकी बर्बादी का,सत्ता के लुटेरे देखे,बेरोजगारी की बार झेलेभष्ट्राचारी, लाचारी,भुखमरी का,क्या अब राग सुनाऊ…..दीप कैसे जलाऊ।अपने ही करते आएअपनो पर आहत,लाख करू जतन मिलती नही राहतकैसे…