बाल कविता – स्लेट बत्ती

बाल कविता – स्लेट बत्ती स्लेट बत्ती का  जानो मोललकीर बना लो या फिर गोल क ख ग घ लिखना हो या गिनतीपढ़ने को सब करते विनती बत्ती को घिस घिस कर देखेंटूटे जब जब उसको फेंके पानी को हाथों में लेतेगलत लिखते ही मिटा देते स्लेट बत्ती से हो शुरुवातलिखते पढ़ते रहें दिन रात … Read more

दोहे – जगदम्बा महिमा

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।]शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया है। दोहे “जगदम्बा महिमा” नवराते हैं चल रहे, करें मात का ध्यान।सबका बेड़ा पार हो, … Read more

मेला पर दोहे -नवीन कुमार तिवारी

मेला पर दोहे मेला देखो घूमके,कितना रहता भीड़ । मानस रहते झूमते ,किसका कैसा नीड़ ।।1 खुले हाट बाजार में , बेच रहे सामान । साज बजे भोंपू सुने , बैठ  कहे श्रीमान ।।2 जमघट देखे  भागते ,उड़ने लगे गुबार । मीठा खारा खा रहे , मिलता खोया प्यार  ।।3 मेला ठेला घूमते , कटता … Read more

तेरा आशिर्वाद रहे सदा माँ हमारी कलम पर-डा.नीलम

तेरा आशिर्वाद रहे सदा माँ हमारी कलम पर लेकर बैठी कलम हाथ मेंलिखने मैया के गुणगानअद्भुत लीला तेरी मैयाकलम है मेरी नादान अपरुपा,अनुपम ,अलौकिकदिव्य स्वरुपा,दिव्यज्योत्सनाज्योतिर्मयी ,अक्षमाल्य,कमण्डलम धारिणी ब्रह्मचारिणी,तपश्चारिणीसाक्षात ब्रह्म स्वरुपातप की साक्षात मूर्तिमयीजगत् जननी,जग पालिका त्याग,वैराग्य,संयम,सदाचारदायिनीसर्व सिद्धि दात्रि,विजयम ददातिसर्वमंगलम्,सुमंगलम दायिनी निर्जला,निराहार तपकारणेशाक- पात  आहर्य कारणेअपर्णा नाम धारिणीकठोर तप के कारणे कांतिऔर तेज का संगम से … Read more

विंध्यवासिनी विनाश दुःख का करो -दुर्गा शंकर इजारदार

jai durga maa

विंध्यवासिनी विनाश दुःख का करो अजेय विंध्यवासिनी विनाश दुःख का करो ,त्रिशूल धारिणी सहाय प्राण शत्रु का हरो ।। सभी सुखी रहें यहाँ जवान हो कि वृद्ध हो ,सदैव काम क्रोध लोभ से विचार शुद्ध हो ।। विदेश देश हो सदा गुँजायमान भारती ,सभी जमात एक हो करें सुजान आरती ।। मरें नहीं अकाल मौत … Read more