कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

मेरे आंगन में – दिनेश चंद्र प्रसाद “दीनेश”

“मेरे आंगन में “ होठ तेरे जैसे,  दो कुसुम खिले;यौवन के कानन में ।आंखें तेरी जैसी, दो झील हैं गहरी;रूप के मधुबन में ।गाल हैं तेरे चिकने जैसे,दो नव किसलय;       निकले उपवन में।बिंदिया की चमक है जैसे, इंदु हँसे;नील गगन…

बाल कविता – स्लेट बत्ती

बाल कविता – स्लेट बत्ती स्लेट बत्ती का  जानो मोललकीर बना लो या फिर गोल क ख ग घ लिखना हो या गिनतीपढ़ने को सब करते विनती बत्ती को घिस घिस कर देखेंटूटे जब जब उसको फेंके पानी को हाथों…

दोहे – जगदम्बा महिमा

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।]शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया…

मेला पर दोहे -नवीन कुमार तिवारी

मेला पर दोहे मेला देखो घूमके,कितना रहता भीड़ । मानस रहते झूमते ,किसका कैसा नीड़ ।।1 खुले हाट बाजार में , बेच रहे सामान । साज बजे भोंपू सुने , बैठ  कहे श्रीमान ।।2 जमघट देखे  भागते ,उड़ने लगे गुबार…

तेरा आशिर्वाद रहे सदा माँ हमारी कलम पर-डा.नीलम

तेरा आशिर्वाद रहे सदा माँ हमारी कलम पर लेकर बैठी कलम हाथ मेंलिखने मैया के गुणगानअद्भुत लीला तेरी मैयाकलम है मेरी नादान अपरुपा,अनुपम ,अलौकिकदिव्य स्वरुपा,दिव्यज्योत्सनाज्योतिर्मयी ,अक्षमाल्य,कमण्डलम धारिणी ब्रह्मचारिणी,तपश्चारिणीसाक्षात ब्रह्म स्वरुपातप की साक्षात मूर्तिमयीजगत् जननी,जग पालिका त्याग,वैराग्य,संयम,सदाचारदायिनीसर्व सिद्धि दात्रि,विजयम ददातिसर्वमंगलम्,सुमंगलम दायिनी…