कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

अच्छे गुरु की पहचान हो -डीजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे…

गुरू ने ज्ञान का दीप जलाया -सुन्दर लाल डडसेना मधुर

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे…

तीजा तिहार पर आधारित लोकगीत -माधुरी डडसेना

तीजा तिहार पर आधारित लोकगीत  ठेठरी खुरमी धर के दीदी,तीजा मनाये बर आहे जी।गंहू के गुलगुल भजिया धरके,डोकरी दाई बर लाथे जी।।  दाई ददा के मयारू ह,   बेटी बनके आहे जी।बालपन के संगी जहूंरिया,  डेरउठी म रद्दा निहारे जी।।  बारा…

गणपति स्वागत है- माधुरी डडसेना

गणपति स्वागत है पधारिये गिरजाशिव नन्दन, गणपति स्वागत है। बुद्धि प्रदाता हे दुख भंजन  सदा शुभागत है।। मुसक वाहन प्रखर प्रणेता,जग के नायक हो। प्रथम पुज्य तुम हो अग्रेता,  सुख के दायक हो विश्वासों का दीप जलाये,    हम शरणागत है।…

आगे परब झंडा के -बोधन राम निषादराज विनायक

mera bharat mahan

आगे परब झंडा के आगे परब झंडा के,दिन अगस्त मास म। चलो झंडा  लहराबो ,खुल्ला अगास म।। आगे परब झंडा के…………………. रंग केसरिया हे ,तियाग के  पहिचान के। खून घलो खौलिस हे,देश के जवान के।। आजादी मनावत हन,उंखरे परयास  म।…