तुम पर लगे इल्जामातमुझे दे दो

तुम पर लगे इल्जामातमुझे दे दो तुम अपने अश्कों की सौगातमुझे दे दोअश्कों में डूबी अपनी हयातमुझे दे दो जिस रोशनाई ने लिखेनसीब में आंसूखैरात में तुम वो दवातमुझे दे दो स्याही चूस बन कर चूस लूंगाहरफ  सारेरसाले में लिखी हर इक बातमुझे दे दो जमाने से तेरी खातिर टकरा जाऊँगाजो तुम पर लगे इल्जामातमुझे दे … Read more

मेरे वो कश्ती डुबाने चले है

मेरे वो कश्ती डुबाने चले है रूठे महबूब को हम मनाने चले है |अपनी मजबूरीया उनकों सुनाने चले है | जो कहते थे तुम ही तुम हो जिंदगी मेरी  |बीच दरिया मेरे वो कश्ती डुबाने चले है | ख्यालो ख्याबों मेरी  सूरत उनका था दावा |डाल गैरो गले बाहे वो मुझको भुलाने चले है | … Read more

मानवता की छाती छलनी हुई

मानवता की छाती छलनी हुई विमल हास से अधर,नैन वंचित करुणा के जल से।नहीं निकलती पर पीड़ा की नदीहृदय के तल से।। सहमा-सहमा घर-आँगन है, सहमी धरती,भीत गगन है ।लगते हैं अब तो जन-जन क्यों जाने ?हमें विकल से । स्वार्थ शेष है संबंधों में, आडंबर है अनुबंधो में ।मानवता की छाती छलनी हुईमनुज के छल से । ——R.R.Sahuकविता … Read more

कंगन की खनक समझे चूड़ी का संसार

कंगन की खनक समझे चूड़ी का संसार नारी की शोभा बढ़े, लगा बिंदिया माथ।कमर मटकती है कभी, लुभा रही है नाथ। कजरारी आँखें हुई,  काजल जैसी रात।सपनों में आकर कहे,  मुझसे मन की बात। कानों में है गूँजती, घंटी झुमकी साथ।गिर के खो जाए कहीं, लगा रही पल हाथ। हार मोतियों का बना, लुभाती गले … Read more

बस तेरा ही नाम पिता

बस तेरा ही नाम पिता        उपर से गरम अंदर से नरम,ये वातानुकूलित इंसान है!पिता जिसे कहते है मित्रो,वह परिवार की शान है!! अच्छी,बुरी सभी बातो का,वो आभास कराते है!हार कभी ना मानो तुम तो,हर पल हमै बताते है!! वो नही है केवल पिता हमारे,अच्छे,सच्चे मित्र भी है!परिवार गुलशन महकाए,ऎसा ब्रंडेड ईत्र भी … Read more