कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

धरती माता रो रो कर करती यही पुकार

धरती माता रो रो कर करती यही पुकार धरती माता रो रो कर करती  यही पुकार ।न मेरा रूप बिगाड़ो रे मनुज तुम  मुझे  संवारो ।।महल बना कर बड़े बड़ेतुम बोझ न मुझ पर डालो ।पेड़ पौधों को काट काटकर न…

मौन बोलता है

मौन बोलता है हाँ !मैं ठहर गया हूँतुम्हारी परिधि में आकरसुन सको तोमेरी आवाज सुनना“मौन” हूँ मैं,मैं बोलता हूँपर सुनता कौन हैअनसुनी सी बात मेरीतुम्हारी “चर्या” के दरमियाँमेरी    “चर्चा”  कहाँ ,काल के द्वार परमुझे सब सुनते हैंजीवन संगीत संगमुझे सुन…

हे धरती के भगवान

हे धरती के भगवान हो तुम आसाधारण,तेरे कांधों पर दुनिया टिका है,तेरे खून के कतरे से ही  ,ये पावन धरती भिंगा है !!हे धरती के भगवान ,तु है बड़ा महान !! ऊसर भूमि उपजाऊ कर देता,कठोरता खुद हर लेता ,नित…

संवेदना के सुर बजे जब वेदना के तार पर

संवेदना के सुर बजे जब वेदना के तार पर संवेदना के सुर बजे               जब वेदना के तार पर।वाल्मिकी की संवेदना जगी                आहत पक्षी चित्कार पर।।१।।प्रथम कविता प्रकट भयी                  खुला साहित्य द्वार पर।कविता का नव सृजन                  पैनी कलम की धार पर।।२।।भिगी…