कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

ऋतु बसंत आ गया

ऋतु बसंत आ गया           बिखरी है छटा फूलों की,          शोभा इंद्रधनुषी रंगों की,          कोयल की कूक कर रही पुकार,          ऋतु बसंत आ गया,          आओ मंगल-गान करें।महुए के फूलों की मदमाती बयार,आम्र मंजरी की बहकाती मनुहार,सुरमई हुए जीवन के तार,ऋतु…

दिल की बात बताकर देखो

दिल की बात बताकर देखो दिल की बात बताकर देखोमन में दीप जलाकर देखो।कौन किसी को रोक सका हैनाता खास निभाकर देखो।आँखों की बतिया समझो तोलब पर मौन सजाकर देखो।इश्क़ सफ़ीना सबका यक साथोड़ा पार लगाकर देखो।लोग जगत सब मैला…

मंज़िल पर कविता

मंज़िल पर कविता   सूर्य की मंज़िल अस्ताचल तक,तारों की मंज़िल सूर्योदय तक।नदियों की मंज़िल समुद्र तक,पक्षी की मंज़िल क्षितिज तक। अचल की मंज़िल शिखर तक,पादप की मंज़िल फुनगी तक।कोंपल की मंज़िल कुसुम तक,शलाका की मंज़िल लक्ष्य तक। तपस्वी की…

उपवन की कचनार कली है

            उपवन की कचनार कली है उपवन की कचनार कली है ।घर भर में  रसधार ढ़ली  है ।।यह दुहिता जग भार नहीं है ।अवसर दो  हकदार नहीं है ।।समय सुधा रस सिंचित  बेटी ।पथ गढ़ती अब किंचित बेटी ।।नव  युग  प्रेरक…

माँ पर कविता

    माँ पर कविता   बड़ी हसरत भरी आँखे लिए क्या           ताकती है माँ ।नहीं कहती जुबाँ से वो मगर कुछ           चाहती है माँ ।।बदलते रोज हम कपड़े नये फैशन             जमाने   के ,तुम्हे कुछ है पता साड़ी पुरानी           टांकती है माँ…