तू कदम बढाकर देख

•तू कदम बढाकर देख• मंजिल बुला रही है तू कदम बढाकर देख खुशियाँ गुनगुना रही है तू गीत गाकर देख काँटे ही नहीं पथ में,फूल भी तुम्हें मिलेंगेपतझड़ का गम ना करना, गुलशन भी तो खिलेंगे बहारें बुला रहीं है,…
हिंदी कविता संग्रह
हिंदी कविता संग्रह
•तू कदम बढाकर देख• मंजिल बुला रही है तू कदम बढाकर देख खुशियाँ गुनगुना रही है तू गीत गाकर देख काँटे ही नहीं पथ में,फूल भी तुम्हें मिलेंगेपतझड़ का गम ना करना, गुलशन भी तो खिलेंगे बहारें बुला रहीं है,…
मुसाफिर हैं हम जीवन पथ के मुसाफिर हैं हम जीवन पथ केराहें सबकी अलग-अलगधूप-छांव पथ के साथी हैंमंज़िल की है सबको ललक। राही हैं संघर्ष शील सबदामन में प्यार हो चाहे कसकपीड़ा के शोलों में है कोईकोई पा जाता खुशियों…
स्वालंबन पर कविता स्वालंबन है जीवन अवलंबनबिन स्वावलंब जीवन है बंधनस्वावलंबन ही है आत्मनिर्भरताबिन इसके जीवन दीप न जलता। स्वालंबन जग में पहचान कराताशिक्षा का सदुपयोग सिखातानिराशा में भी आशा भरताऊसर में भी प्रसून खिलाता। अपना दीपक स्वयं बनोस्वालंबन ही…
नई उम्मीदें पर कविता मन में आशा के दीप जलाजीवन पथ पर बढ़ना है,उम्मीदें ही जीवन की पूंजीनया आसमान हमें पाना है। नई उम्मीदें संजीवनी जीवन कीसकारात्मक सोच जगाती हैंपथ प्रदर्शक है मनुज कीहौंसले बुलंद बनाती है। बिन उम्मीद मंजिल…
(दमन=दबाना, कण्टकों=काँटों अर्थात् दुःख, पंगु=लंगड़ा, बयार=हवा,मन्थर=धीरे- धीरे)