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बीर/आल्ह छंद [सम मात्रिक] कैसे लिखें

बीर/आल्ह छंद [सम मात्रिक] विधान – 31 मात्रा, 16,15 पर यति, चरणान्त में वाचिक भार 21 या गाल l कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरणों पर तुकांत l

छंद
छंद

उदाहरण :
विनयशीलता बहुत दिखाते, लेकिन मन में भरा घमण्ड,
तनिक चोट जो लगे अहम् को, पल में हो जाते उद्दण्ड।
गुरुवर कहकर टाँग खींचते , देखे कितने ही वाचाल,
इसीलिये अब नया मंत्र यह, नेकी कर सीवर में डाल।

– ओम नीरव

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