धनतेरस -रामनाथ साहू ” ननकी “

                * धनतेरस *

धनतेरस पर कीजिए ,
                   धन लक्ष्मी का मान ।
पूजित हैं इस दिवस पर ,
                     धन्वंतरि भगवान ।।
धन्वंतरि भगवान , 
        शल्य के जनक चिकित्सक ।
महा वैद्य हे देव ,
               निरोगी काया चिंतक ।।
कह ननकी कवि तुच्छ ,
              निरामय तन मन दे रस ।
आवाहन स्थान ,
                  पधारो घर धनतेरस ।।

      ~ रामनाथ साहू ” ननकी “
                         मुरलीडीह
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कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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