हंसवाहिनी माँ पर कविता

हंसवाहिनी माँ पर कविता

माघ शुक्ल बसंत पंचमी Magha Shukla Basant Panchami
माघ शुक्ल बसंत पंचमी Magha Shukla Basant Panchami

हंसवाहिनी मात शारदे
हमको राह दिखा देना।
वीणापाणि पद्मासना माँ
तम अज्ञान हटा देना।।
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विद्यादायिनी तारिणी माँ
करु प्रार्थना मैं तेरी।
पुस्तकधारिणी माँ भारती
हरो अज्ञानता मेरी।।
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हम सब अज्ञानी है माता
हम पर तुम उपकार करो।
तुम दुर्बुद्धि दुर्गुण मिटाकर
शुचि ज्ञान का दान करो।।
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हे धवलवस्त्रधारिणी मात
हम भक्ति करें तुम्हारी।
दिव्यालंकारों से भूषित
क्षमा करो भूल हमारी।।
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शिवा अम्बा वागीश्वरी माँ
हम सब मानव अज्ञानी।
रूपसौभाग्यदायिनी अम्ब
बुद्धिदान करो भवानी।।
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अन्धकारनाशिनी माते
अंधकार को दूर करो।
ज्ञानदायिनी बुद्धिप्रदा माँ
दोष हमारे दूर करो।।
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वीणावादिनी सुरपूजिता
कोकिल कंठ प्रदान करो।
छेड़ दो तुम वीणा की तान
एक मधुर झंकार करो।।

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©डॉ एन के सेठी

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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