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हिम्मत रख

प्रेरणादायक कविता
प्रेरणादायक कविता

हिम्मत रख मल्लाह तूफानों के बीच में

बनकर नन्हा दीप , तूफानों से लड़ रहा ।
निश्चित जीत महीप , कृपा दृष्टि प्रभु आपकी ।।

सफर नहीं आसान , साथी बढते ही चलो ।
बहुत बड़ा तूफान , लहरों के कारण कई ।।

तूफां का है शोर , अंदर हलचल है मची।
डरावनी द्युति घोर , हुआ अँधेरा अब डगर ।।

मत होना परिशान , आयेंगे तूफान भी ।
हो सतर्क नादान , कर तैयारी तू अभी ।।

लोग सभी अंजान , लगता सबकुछ ठीक है ।
कैसा ये तूफान , मुश्किल सम्हलना यहाँ ।।

शांत हुआ तूफान , बहुत बड़ा नुकसान कर ।
बढ़ आगे इंसान , रुकना तेरी मौत है ।।

तुफानों के वक़्त , हुई परख सम्बन्ध की ।
मन गति अति अनुरक्त , केवल लगता स्वार्थ सुख ।।

अंतस में तूफान , सारी खुशियाँ खो गई ।
नाविक है हैरान ,ये सब कैसे क्यों हुआ ।।

तूफानों के बाद , ढूँढ़ रहे अस्तित्व को ।
करे किसे संवाद , नैन दुखारे मौन है ।।

हिम्मत रख मल्लाह , तूफानों के बीच में ।
जीवन भर उत्साह , मणि मंजूषा माधुरी ।।

—– माधुरी डड़सेना ” मुदिता “
भखारा

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