शांतिदूत पर कविता -शांति के दीप जलाते हैं

शांतिदूत पर कविता -शांति के दीप जलाते हैं

विश्व पटल पर मानवता के फूल खिलाते हैं,
हम हैं शांतिदूत, शांति के दीप जलाते हैं।

भेद भाव के भवसागर में,
दया भाव भरली गागर में,
त्रस्त हृदय को दया कलश से सुधा पिलाते हैं।

मानव बन मानव की खातिर, 
दूर करें अज्ञान का तिमिर,
इस वसुधा पर ज्ञान पताका हम फहराते हैं।

ऊंच नीच का भेद मिटाते,
स्वप्न सुनहरे सभी सजाते,
कोई कदम जो डिगने लगे उसे राह दिखाते हैं।

तन से मन से या फिर धन से, 
करें सदा सेवा जीवन से,
बस मानव को मानव का अधिकार दिलाते हैं।

विश्व पटल पर मानवता के फूल खिलाते हैं,
हम हैं शांतिदूत शांति के दीप जलाते हैं।
  (सरोज कंवर शेखावत)

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

Leave a Reply